पूर्ति 02 ; ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और पहचान की जांच करें

आजकल ब्रेस्ट कैंसर के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं और जितनी जल्दी इस परेशानी के बारे में पता चल जाता हैं उतना ही इसका सही इलाज हो सकता है । यह तो एक सामान्य सी बात है कि हर महिला की ब्रेस्ट अलग-अलग हती है, जैसे कुछ की ब्रेस्ट थोड़ी ढीली या लटकी हुई होती हैं तो वहीं कुछ की ब्रेस्ट का साइज़ भी अलग-अलग होता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि महिलाएं नियमित रूप से अपनी ब्रेस्ट की जांच करती रहे और देखें कि उनके ब्रेस्ट सामान्य रूप से कैसे हैं और वो उस समय वो कैसा महसूस करती हैं।  उन्हें अपने आप ही अपनी ब्रेस्ट की जांच अपने आप यूं ही करते रहना चाहिए।

आप कभी भी अपनी ब्रेस्ट की जांच कर सकती हैं जैसे नहाते समय शावर के नीचे , अपनी बॉडी पर क्रीम का इस्तेमाल करते समय या फिर कपड़े बदलते आप यह काम कर सकती हैं। इस समय आप न केवल अपनी ब्रेस्ट बल्कि बगल और कंधे के हिस्से की जांच कर सकती हैं।

एक बार जब आपको ब्रेस्ट की जांच कर लेतीं  हैं तब आपके लिए इनमें से किसी भी जगह में आए मामूली से बदलाव के बारे में तुरंत पता लग सकता है। ऐसा होने पर समय पर ही डॉक्टर के पास जाया जा सकता है।

वो बदलाव जो सामान्य होते हैं:

एक महिला में आयु के विभिन्न पड़ावों (जैसे किशोरावस्था, युवावस्था, रजस्वला, प्रजनन रूप से सक्रिय समय, स्तनपान करवाने वाला समय और मैनोपोज आदि) के दौरान ब्रेस्ट में परिवर्तन आता रहता है।

मासिक धर्म के समय

अक्सर जब भी आपका मासिक धर्म शुरू होने वाला होता है तब आपको अपनी ब्रेस्ट में भारीपन, नरमाहट जैसा महसूस हो सकता है। अनेक महिलाएं अपने मासिक धर्म के समय ब्रेस्ट में दर्द की शिकायत करती हैं जो कि एक सामान्य बात होती है।

प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में

हालांकि एक महिला की ब्रेस्ट में प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में अनेक परिवर्तन आते हैं जैसे अजीब सी सनसनाहट के अलावा सुन्नपना, निप्पल में दर्द और गहरे रंग में बदलना के साथ ही  इसके आसपास के भाग में फैलाव के साथ में गहरे रंग में बदलने तो होते ही हैं लेकिन इसके अलावा भी कुछ और बदलाव भी होते हैं।

मैनोपोज से पहले और बाद में

मैनोपोज के समय और बाद में भी महिला के शरीर में ओस्ट्रोजेन हार्मोन कम होने लगते हैं जिससे उनकी ब्रेस्ट के आकार के साथ ही उनमें सख्ती (नर्म और ढली हुई हो जाती हैं) में परिवर्तन होने, लगते हैं इसके साथ ही वे सुन्न और थोड़ी ढीली भी होने लगती है।

जो बदलाव सामान्य नहीं हो सकते हैं

ब्रेस्ट कैंसर होने की निशानी और कारण में ब्रेस्ट के आसपास की स्किन में बदलाव होना है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियाँ जैसे सिस्ट, इन्फेक्षन, एग्ज़ीमा या स्किन की और परेशानियाँ (Dermatitis)आदि भी ब्रेस्ट कैंसर की निशानी और पहचान हो सकती हैं लेकिन कभी भी स्वयं ही ब्रेस्ट कैंसर  को निर्धारित करते हुए बिना डॉक्टर की सलाह के इलाज नहीं करना चाहिए।

गांठ : दिखाई दे या महसूस हो

ब्रेस्ट में होने वाली एक गांठ जो दिखाई दे या फिर महसूस हो, ब्रेस्ट कैंसर की एक सबसे आम और संभावित निशानी होती है। महिला को यह गांठ बांह के नीचे या फिर ब्रेस्ट का सख्त अथवा बांह के नीचे मोटापन के रूप में महसूस हो सकती है। अपने को सुनिश्चित करने के लिए महिला इसे स्वयं दूसरी ब्रेस्ट और बांह के नीचे भी चेक करके महसूस कर सकती है जिससे उस जगह के हेल्दी टिशू को महसूस किया जा सके। ब्रेस्ट कैंसर की होने वाली गांठ आमतौर पर दर्द रहित होती है लेकिन फिर भी कुछ महिलाएं इन गांठों में दर्द या चुभन की भी शिकायत करती हैं।

बगलों में सूजन

अगर आपकी बगल या कंधे के पास सूजन है  जो यह बताती है कि ब्रेस्ट कैंसर उस जगह के लिंफ नोड्स तक फैल गया है। यह सूजन आपके गांठ महसूस करने से पहले भी हो सकती है, इसलिए जैसे ही आपको इसका पता चले, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेस्ट के साइज़ और आकार में बदलाव

जब भी कभी आपको अपनी ब्रेस्ट के साइज़ और आकार में थोड़ा भी दिखाई देने वाला बदलाव महसूस होता है तब तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यह बदलाव एक ब्रेस्ट का दूसरी ब्रेस्ट की तुलना में छोटे या बड़े के रूप में हो सकता है।

स्किन की बनावट में बदलाव

ब्रेस्ट कैंसर के कारण स्किन की कोशिकाओं में सूजन आ जाती है जिसके कारण स्किन की बनावट में बदलाव आ जाता है। इसके कारण निप्पल के चारों ओर पपड़ी का जमना और या ब्रेस्ट के किसी भी हिस्से का बहुत सूख कर मोटा हो जाना भी हो सकता है। इसके अलावा स्किन में आने वाले कुछ दूसरे साधारण और कम नुकसान करने वाले बदलाव जैसे एलर्जी आदि भी स्किन में बदलाव के कारण हो सकते हैं।

 

ब्रेस्ट के रंग में बदलाव

ब्रेस्ट कैंसर के कारण स्किन के रंग में बदलाव या नील पड़ जाने जैसा हो सकता है। इसके कारण स्किन लाल, बैंगनी या फिर नील पड़ जाने जैसी हो सकती है। यदि आपको इनमें से ऐसा कुछ भी महसूस होता है तब आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

निप्पल में आने वाले बदलाव

ब्रेस्ट कैंसर के कारण निप्पल की कोशिकाओं में भी बदलाव आ जाता है। निप्पल में आने वाला कोई भी बदलाव जैसे अंदर की ओर मूड जाना, दुखना, गड्डे पड़ जाना या खुजली जैसा महसूस होना होता है तब तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करके मेडिकल एडवाइस लेनी चाहिए।

निप्पल से डिस्चार्ज

जब कोई महिला स्तनपान करवाती है तब निप्पल से दूधिया डिस्चार्ज होना एक सामान्य बात है। लेकिन यदि कभी किसी समय महिला इसके अलावा किसी प्रकार का डिस्चार्ज देखती है जो सामान्य तरल जैसा या दूधिया से पीले, हरे या लाल रंग जैसा हो तब यही अच्छा होगा कि उसे बिना और समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वैसे तो निप्पल से होने वाला डिस्चार्ज कैंसर की निशानी नहीं हो सकता है लेकिन अधिकतर यह कैंसर का सूचक भी हो सकता है।

अगर कभी कोई महिला यहाँ बताए गई या अन्य ब्रेस्ट में किसी असामान्य प्रकार का बदलाव देखती हैं तब उन्हें एकदम घबराना नहीं चाहिए। ब्रेस्ट में आने वाले बदलाव, उम्र का बढ़ना, हार्मोन लेवल में बदलाव या यहाँ बताए गए दूसरे अन्य कारणों से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। इसलिए इन बदलावों का कारण जानना बहुत जरूरी है।

जनसंख्या में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए यह महसूस किया जा रहा है कि एक समय के बाद ब्रेस्ट की हेल्थ के प्रति जागरूक होना और इसके लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर किसी भी बदलाव का कारण जानना बहुत जरूरी है। ब्रेस्ट में आए बदलाव का सही कारण जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर उसकी गंभीरता को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। |

यहाँ बताए गए ब्रेस्ट कैंसर की निशानियों को अच्छी तरह से जानने के लिए एक वीडियो इस लिंक पर देखा जा सकता है: https://youtu.be/ictjZMs4MqI (इस वीडियो को जनसाधारण में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता जाग्रत करने के बनाया गया है।

लेखिका :प्रत्यूशा मजूमदार