पूर्ति 09: स्तनोच्छेदन के बाद भावनाओं का सामना कैसे करें : कैंसर विजेता के अनुभव
ब्रेस्ट कैंसर की लड़ाई में कैंसर विजेता के भावनात्मक स्वास्थ्य, गरिमा और सम्पूर्ण सेहत पर हर प्रकार के सुरक्षात्मक/सुधारात्मक उपाय करने के बावजूद भी, स्त्नोच्छेदन की प्रक्रिया (शल्य चिकित्सा के द्वारा स्तन निकालने की प्रक्रिया) का गंभीर असर पड़ता है। ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद जितना इसको सहना शारीरिक रूप से मुश्किल होता है उतना ही अपने शरीर में आए इस परिवर्तन को स्वीकार करना भावनात्मक रूप से भी कठिन हो जाता है। सामान्य रूप स किसी भी महिला के जीवन में इतने बड़े परिवर्तन के बाद उस स्थिति के साथ सामंजस्य बैठाने में समय लगता है और फिर वैसे भी प्रभावित महिला के सोचने के नज़रिये पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है। इस स्थिति में उठने वाली सभी भावनात्मक प्रक्रियाओं को पूरी तरह से मान लेना और उनका सम्मान भी किया जाना एक महत्वपूर्ण बात होती है।
ब्रेस्ट सर्जरी के बाद होने वाला भावनात्मक व्यवहार वैसे तो पूरी तरह से निजी होता है, फिर भी कैंसर-विजेताओं के बताए गए कुछ अनुभव इस प्रकार हैं:
- किसी भी कैंसर विजेता के लिए आत्म-छवि, मूल्य और गरिमा: स्त्नोच्छेदन के बाद स्वयं को स्त्रियोचित रूप में कम समझना या जीवनसाथी के लिए आकर्षक न रहना जैसे भावनाओं का उठना बहुत सामान्य बात है। इस स्थिति में अधिकतर महिलाएं घर से बाहर निकल कर लोगों से मिलने और यहाँ तक कि निकट आने और आलिंगन करने तक में शर्म महसूस करती हैं। चिकित्सा के बाद स्वस्थ होने की प्रक्रिया तभी आरंभ होती है जब महिला अपने शरीर में आए बदलाव के साथ सहज महसूस करना शुरू कर देती है। इस कार्य में कैंसर-विजेताओं के समूह बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं।
- अवसाद: स्त्नोच्छेदन के बाद चिड़चिड़ा होना या अवसादग्रस्त होना एक सामान्य बात है। ऐसे में समय ही सबसे बड़ा इलाज होता है। यदि कैंसर विजेता काफी समय के गुजरने के बाद भी परेशान और अवसाद में रहता है तब या तो वे किसी सलाहकार से मिलें या उन लोगों से जो पहले स्त्नोच्छेदन की प्रक्रिया से गुज़र चुके हैं, क्योंकि ऐसा करने से उन्हें बहुत मदद मिल सकती है।
- सही समय को चुनने की जागरूकता : कुछ महिलाएं सर्जरी के दौरान और उसी समय ही विस्तारक (Expanders) की प्रक्रिया को चुनने का निर्णय ले लेती हैं। विस्तारक, ब्रेस्ट सर्जरी के बाद इंप्लांट लगाने के लिए ब्रेस्ट क्षेत्र को थोड़ा खींच कर तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इस संबंध में आपको यही सलाह दी जा सकती है कि सर्जरी के बाद इस काम के लिए स्वयं को थोड़ा स्वस्थ होने का समय दें।
- आगे बढ़ना : कुछ महिलाएं स्तनोच्छेदन के बाद स्तन के स्थान पर छाती को समतल करना चाहती हैं तो कुछ स्तन-पुनर्निर्माण सर्जरी पसंद करती हैं जबकि कुछ स्तनोच्छेदन-ब्रा को पहनना अधिक सुविधाजनक मानती हैं। चिकित्सकों का मानना है कि स्त्नाओच्छेदन ब्रा को पहनने का निर्णय हर प्रकार से सुविधाजनक है क्योंकि इसमें खाली स्थान को भरने का प्रावधान होता है जबकि किसी भी प्रकार कि शल्यचिकित्सा में पहले वाले कपड़ों को पहनना लगभग असंभव हो सकता है।
- जीवनसाथी के साथ पहले जैसा व्यवहार: सर्जरी के बाद अपने जीवनसाथी के साथ पहले जैसा व्यवहार करने के लिए अपने मन के सारे डर और चिंता को उनके साथ बाँट लें और अपने मन को हल्का व प्रसन्न रखें।
- कैंसर के दोबारा होने की घबराहट: सर्जरी के बाद, अधिकतर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा हो जाने की चिंता में परेशान रहती हैं। इस संबंध में अपना पूरा चेकअप नियमित रूप से करवाना और अपना पूरा ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसलिए लिए प्राणायाम, अपनी रुचियों पर ध्यान देना, धैर्य को जीवन का हिस्सा बनाना और पारिवारिक कामों में मदद देकर अपने समय को बिताना भी इस घबराहट को कम करने के उपाय हो सकते हैं।
- अच्छा महसूस करना: अपने शरीर से पहले जैसा ही प्यार करें। केवल वहीं सोचें और करें जो आपको अपने बारे में अच्छा सोचने और करने में मदद करे और इस व्यवहार पर हमेशा कायम रहें। अपनी जिंदगी को नया रंग देने के लिए आपको जो भी करना पड़े जैसे मनपसंद खाना खाना, व्यायाम, नृत्य, योगासन आदि जो भी चाहें, करें।
अंत में यही कहा जा सकता है कि स्तनोच्छेदन के बाद अपने स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए हमेशा सकारात्मक रहते हुए स्वयं को अच्छे मददगारों के साथ ही जीवन को बिताने का प्रयत्न करें। कैंसर-विजेताओं को लोग (परिवार और मित्र), समूह और/या सलाहकार जो उनकी मदद और ताकत बन सकें, की जरूरत होती है। आपको जहां से भी ताकत और आराम मिलता हो, उसे अपनाएँ और अपने लिए एक ऐसा स्थान जरूर रखें जो हर हाल में आपका साथ देने के लिए तैयार हो।
इस यात्रा में, बहुत जरूरी है कि लोगों को अपने साथ मिलने-जुलने का मौका दें और वो कोई भी जो आपकी किसी भी प्रकार से मदद कर सकता हो, उसे अपने पास आने दें। अनेक महिलाएं यहाँ ऐसी हैं जिन्होनें अपने विचार और ताकत को सबके साथ साझा किया है और अब वो उन जैसी ही दूसरी महिलाओं की मदद करने के लिए तैयार हैं। आप भी उनमें से एक बनें ! केवल ज़िंदा रहना ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि सफलता पूर्वक आगे बढ़ना भी उतना ही ज़रूरी होता है।