पूर्ति- 11 कैंसर की सर्जरी के बाद व्यायाम
जब आपको अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चलता है और उसके बाद उसके उपचार का समय भी बहुत कठिनाईयों से भरा हो सकता है,यह एक सामान्य बात हो सकती है । लेकिन फिर से सामान्य जीवन जीने के लिए, पूरे उपचार के बाद आपको अपनी शारीरिक और मानसिक हेल्थ की अच्छी तरह से देखभाल करने की बहुत जरूरत होती है। हो सकता है उपचार के बाद आपको अपनी ही गति और सुविधा के अनुसार इन कामों को करना पसंद हो, तो इसमें कोई हर्ज की बात नहीं है। इस समय आपको वैसे भी किसी और के समय को नहीं देखना है। इस समय आपको अपने फिजियोथेरेपिस्ट और काउन्सलर की भी नियमित सहायता की जरूरत हो सकती है। इस बीच में कभी-कभार आप अपने लिए भी समय निकाल कर आराम कर सकती हैं।
स्वास्थ्यलाभ करते समय ,विशेषकर सर्जरी के बाद, आपके शरीर के सारे अंगों का पूरी तरहा से काम काम करने की रहना बहुत जरूरी होता है। ब्रेस्ट कैंसर के सबसे पहले इलाज के रूप में सर्जरी की जाती है। सर्जरी निम्न रूप में हो सकती है:
● लुम्पेक्टोमी – जब कैंसर के टिश्यू के साथ आसपास के टिश्यू को भी निकाल दिया जाता है।
● स्तनोच्छेदन – जब पूरी ब्रेस्ट को निकाल दिया जाता है। इसके साथ ही बगलों में से थोड़े से लिम्फ़ नोड्स भी हटा दिया जाता है।
(यदि आप अपने लिए लिए जाने वाले उपचार के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं, उसके संबंध में आप यहाँ से जानकारी ले सकती हैं)
सर्जरी के साइड इफेक्ट के रूप में आपके शरीर में थकान भर सकती है। परिणामस्वरूप आप पूरे आराम के बाद भी अपने को बहुत थका हुआ महसूस कर सकती हैं। इसलिए पूरे स्वास्थ्यलाभ के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप सर्जरी के बाद स्वयं को गतिशील अवस्था में रखें। इस काम में कुछ साधारण प्रकार के व्यायाम आपको पहले जैसे गतिशील होने में मदद कर सकते हैं।
अपने लिए एक उपयुक्त व्यायाम और उसे करने की अवधि के बारे में ज्ञान प्राप्त करने से पहले संभव है कि आप किसी ऐसी महिला से भी बात करना चाहेंगी जिसने पहले ब्रेस्ट सर्जरी करवायी हो। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि इस सर्जरी के तुरंत बाद की जाने वाली फिजियोथेरेपी के समय लिंफ़ेडिमा के लक्षण या अन्य किसी अन्य प्रकार के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
अपने व्यायाम के कार्यक्रम को शुरू करने से पूर्व आपको निम्न प्रकार की सावधानियाँ लेनी होंगी:
• कभी भी सीधे सूर्य के प्रकाश में न आयें।
• ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें
• इन व्यायामों को करने का सबसे अच्छा समय गरम पानी के स्नान के बाद है जब मांसपेशियाँ थोड़ी नरम होती हैं।
• व्यायाम करते समय गहरी सांस भरें
• व्यायाम करते समय आप थोड़ा सा खिंचाव महसूस कर सकती हैं। ऐसे में अगर आपको दर्द महसूस हो तब तुरंत इसे रोक दें।
मस्तिष्क में चिंता कम करने और दोबारा शांत करने में मदद करने वाले व्यायाम
अक्सर कैंसर और इसके उपचार के समय किसी भी व्यक्ति को अपने अंदर मानसिक तनाव महसूस करते हुए देखा जाता है। ब्रेस्ट कैंसर और उसके बाद स्तनोच्छेदन से महिलाएं स्वयं में आत्मविश्वास खो बैठती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि यही वह समय है जब आपको अपने मानसिक और भावनात्मक सेहत की देखभाल पर अधिक ध्यान देना होगा।
इस समय आपको नियमित रूप से किए जाने वाले योग और ध्यान जैसी क्रियाओं से अच्छी मदद मिल सकती है। शुरुआत में आप सबसे सरल आसन जैसे ताड़ासन (पर्वत जैसी मुद्रा), पद्मासन (कमल मुद्रा), ऊर्ध्वा हस्तासन (हाथ ऊंचे उठाने वाली मुद्रा) और शवासन (शव जैसी मुद्रा) आदि कर सकती हैं। इन सरल आसनों के करने से आपके शरीर में ऑक्सीज़न की मात्रा बढ़ सकती है और रक्त संचार में भी वृद्धि हो सकती है और जिससे न केवल शरीर तनाव मुक्त हो सकता है बल्कि फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता में भी सुधार हो सकता है।
नियमित रूप से योग और ध्यान करने से न केवल आप अधिक स्वस्थ महसूस करेंगी बल्कि अंदर से भी मजबूत और प्रसन्न हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त नियमित व्यायाम से आप शरीर में दोबारा कैंसर के उत्पन्न होने की संभावना को भी न्यूनतम कर देती हैं।
व्यायाम जो सर्जरी के बाद वाले सप्ताह में किए जा सकते हैं :
रेडिएशन थेरेपी से आपके हाथों के संचालन पर बुरा असर पड़ सकता है, इसलिए सबसे पहले आपको अपने हाथों की गतिशीलता में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए। सर्जरी के बाद वाले सप्ताह में आपको हल्के-फुल्के व्यायाम शुरू करने चाहिए। लेकिन शुरू करने से पहले अपने कैंसर स्पेशलिस्ट और फिजियोथेर्पिस्ट से सलाह ज़रूर कर लें:
• सर्जरी की तरफ वाली बांह से सामान्य काम जैसे खाने को खाना, नहाना और कपड़े पहनना शुरू कर देने चाहिए।
• दिन में दो-तीन बार 30-40 मिनट के लिए सर्जरी की ओर वाली बांह को हृदय की ऊंचाई से थोड़ा ऊपर तक ले जा कर रखें। शुरू में तकिये की सहायता से हाथ को सहारा दें। इससे बाँह से किसी भी प्रकार के तरल पदार्थ के रिसाव के कारण सूजन आने की संभावना में कमी आ जाती है।
• प्रभावित बांह को दिन में तीन-चार बार खोलने और बंद करने का व्यायाम करें। मुट्ठी बंद करने का भी प्रयास करें। किसी भी तरह के तरल पदार्थ को इकठ्ठा होने से बचाव करने के लिए कोहनी को मोड़ने और खोलने का प्रयास भी करें।
• गहरी सांस भरने का अभ्यास करें। सीधे लेटकर धीरे-धीरे सांस लें। अपनी छाती और पेट को फुलाते हुए जितना हो सके उतनी अधिक से अधिक सांस को अंदर की ओर लें। सांस को बाहर छोड़ते हुए थोड़ा आराम करें। इस व्यायाम को दिन में कम से कम 6 बार और एक बार में 4-5 बार जरूर करें। इससे आपके फेफड़ों को स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
• जिस ओर सर्जरी हुई है, उस ओर की करवट न लेटें।
व्यायाम जो केवल गंदा पानी निकल जाने के बाद किए जा सकते हैं
जैसे-जैसे आप स्वास्थ्यलाभ करती हैं, आप थोड़े और कठिन व्यायाम कर सकती हैं जिनमें अधिक मांसपेशियों की गति शामिल हो सकती है:
● छड़ी व्यायाम – इस व्यायाम को करते समय पलंग पर लेट जाएँ। इस व्यायाम में आप एक छड़ी ले लें। इस छड़ी को अपने पेट के पास पकड़ कर रखें और इसे तब तक दोनों हाथों से ऊपर उठाएँ जब तक आप थोड़ा तनाव न महसूस करने लगें। इस व्यायाम से आपके हाथों को गति मिल सकेगी। इसे दिन में 5-7 बार करें।
● कोहनी को पंख बनाना : इस व्यायाम को करने से पूर्व अपने पलंग पर सीधे लेते जाएँ। अब अपने दोनों हाथों को गर्दन के पीछे से इस प्रकार पकड़ें जिससे कोहनी की नोक छत की ओर हो जाये। अब कोहनी को अलग करते हुए पलंग की ओर नीचे ले आयें। इस व्यायाम के करने से आपको बाहों को हिलाने में मदद मिलेगी। इस व्यायाम को दिन में 5-7 बार करें।
● शोल्डर ब्लेड स्ट्रेच – इस व्यायाम को करने के लिए एक कुर्सी पर सीधे पीठ टिका कर बैठ जाएँ। अपनी प्रभावित बांह को मेज़ पर टिका कर आराम से रख लें और जहां तक हो सके इसे मेज़ पर आगे करने की कोशिश करें। अब इस बांह को आराम दें। इसे दिन में 5-7 बार करें।
● शोल्डर ब्लेड स्क्व्वीज : इस व्यायाम को करने के लिए एक कुर्सी पर सीधे बैठ जाएँ। अपनी पीठ को कुर्सी के सहारे टिका कर न बैठें। अब अपने हाथ को बांह की ओर सिकोड़ते हुए ले कर जाएँ, कोहनी को तब तक पीछे करें जब तक हल्का सा तनाव न महसूस करें। इसके बाद धीरे-धीरे वापस मूल अवस्था में आ जाएँ और इसे दिन में 5-7 बार करें।
• एक तरफ झुकाव – इस व्यायाम को करने के लिए एक कुर्सी पर बैठ जाएँ। अपने हाथों को एक साथ पकड़ते हुए अपने सिर के ऊपर तब तक ले कर जाएँ जब तक हल्का तनाव न महसूस होने लगे। बाएँ हाथ को एक तरफ झुकाते और दायें को पेंडुलम की तरह झुलाते हुए दो बार हिलाएँ और इसके बाद वापस अपनी मूल अवस्था में आ जाएँ। इसे भी दिन मीन 5-7 बार दोहराएँ।
● बांह का फैलाव : इस व्यायाम को करने के लिए एक दीवार के सामने खड़े हो जाएँ। अपने हाथों को दीवार पर रख कर उँगलियों को दीवार पर चढ़ाना शुरू करें। इस व्यायाम को बारी-बारी से दोनों हाथों से करें। लेकिन शुरुआत में आप यह व्यायाम उस बांह से करने में आसानी महसूस करेंगी जिस ओर सर्जरी नहीं हुई है।
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यदि आपको निम्न में से कोई भी परेशानी होती है तब व्यायाम करना तुरंत रोक दें :
● कमजोरी महसूस होना
● दर्द या अत्यधिक तनाव महसूस होना। व्यायाम करते समय आपकी बांह में थोड़ा तनाव महसूस होना एक सामान्य बात है लेकिन इसमें दर्द नहीं होना चाहिए।
● अगर सूजन आ गई है और वह काफी अधिक हो रही है
● सिर में दर्द या चक्कर आने महसूस हो रहे हैं
● कुछ नए हिस्सों में सुन्नपना महसूस हो रहा है।
अगर आपको इनमें से कोई भी परेशानी महसूस हो रही है तब अपने फिजियोथेरेपिस्ट से तुरंत मदद लें। इस समय आपको स्वयं को सुरक्शित रखना बहुत जरूरी है।
यदि आप किसी प्रकार के भारी व्यायाम या मार्शल आर्ट करने की सोच रही हैं तब अपने कैंसर विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह करने के बाद पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका शरीर इस प्रकार के व्यायाम करने के लिए तैयार है।
अगर नियमित रूप से व्यायाम किए जाएँ तो इनका आपके शरीर पर 3-4 हफ्तों में ही अच्छा प्रभाव दिखाई दे सकता है। व्यायाम करने से न केवल आपके शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत हो सकेंगी बल्कि फेफड़ों के स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार आ सकेगा, तनाव और चिंता में कमी आएगी और पाचन तंत्र में भी मजबूती आ सकेगी।
लेखिका : प्र्त्योशा मजूमदार