पूर्ति -07: ब्रेस्ट कैंसर की उपचार प्रक्रिया से गुज़रना

एक बार जब डॉक्टर्स आपके शरीर में ब्रेस्ट कैंसर की उपस्थिती, उसका प्रकार और गंभीरता का पूरी तरह से पता लगा लेते हैं तब उसके बाद ही वो आपके साथ आगे की जाने वाली उपचार प्रक्रिया को विस्तार से बता पाते हैं। देखा यह गया है कि ब्रेस्ट कैंसर के उपचार की प्रक्रिया बहुत महंगी और काफी लंबे समय तक चलने वाली होती है, इसलिए अच्छा यही होगा कि आप इसके लिए सही योजना बनाकर अपने इलाज के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था पहले ही कर लें।

उपचार के प्रकार

ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के बारे में बात करने से पहले आइये उन लोगों के बारे में बात करते हैं जो इस उपचार प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने वाले हैं। इस समूह में ब्रेस्ट केयर नर्स (नर्सों का वह समूह जो आपको ब्रेस्ट कैंसर होने पर देखभाल संबंधी जानकारी देगा और आपकी इस इलाज प्रक्रिया में हर प्रकार से सहायता करेगा) मेडिकल ओंकोलीजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक), हिस्टो-पैथोलोजिस्ट (कैंसर संबंधी विभिन जांच और परिणाम देखने वाले डॉक्टर), कीमोथेरेपिस्ट, रेडियोलोजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट और कैंसर सर्जन या औंकोंसर्जन ( सर्जरी करने वाले डॉक्टर) शामिल हो सकते हैं। आपकी गहन जांच करने के बाद ही पहले इस बात का पता लगाया जाता है कि कैंसर शरीर में कितना फैल चुका है और उसके बाद ही यह निर्णय लिया जाता है कि इसे ठीक करने के लिए उपचार किस विधि से किया जाना चाहिए। आमतौर पर इस स्थिति में सभी डॉक्टर्स मिलकर विचार विमर्श करते हैं और उसके बाद सबकी सलाह से ही उपचार शुरू करने का निर्णय लिया जाता है।

डॉक्टर से अपने उपचार के बारे में सुनकर आपको घबराहट होना एक स्वाभाविक बात है क्योंकि आपको इन सबके बारे में पहले से कुछ पता नहीं होता है। लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। इस घबराहट और परेशानी को दूर करने के लिए आप किसी विश्वसनीय स्त्रोत से या तो किसी विश्वसनीय जर्नल से इस विषय से संबन्धित लेख पढ़ सकती हैं या फिर आप उन लोगों से मिल सकती हैं जो इस प्रकार का इलाज करवा चुके हैं। इससे आपको उपचार करवाने में आत्मविश्वास को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

निम्न में से कोई भी उपचार किया जा सकता है

सर्जरी – उपचार की यह विधि शरीर से सारे कैंसर सेल्स को निकाल देने के लिए अपनाई जाती है। इसके लिए ब्रेस्ट का कुछ हिस्सा या सारी ब्रेस्ट निकाल दी जाती है। इससे शरीर के दूसरे भागों में कैंसर फैलने की संभावना पूरी तरह से खत्म कम हो जाती है।

कीमोथेरेपी—सर्जरी के बाद यह देखा जाता है कि कैंसर शरीर में कितना फैल चुका है और उसी के आधार पर कीमोथेरेपी का निर्णय लिया जाता है। इसमें कैंसर को शरीर में दोबारा न उत्पन्न हो जाये इसके लिए कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए कैंसर-विरोधी दवाइयाँ दी जाती हैं।

रेडियोथेरेपी —सर्जरी के बाद शरीर में कैंसर के सेल्स किसी भी प्रकार से शरीर में रह न जाएँ इसके लिए रेडियोथेरेपी प्रक्रिया के अंतर्गत ऊंचे स्तरकी रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकतर इस प्रक्रिया के दौरान मरीज के सिर के बाल झड जाते हैं और शरीर में थकान के साथ चक्कर आने की शिकायत हो सकती है।
हारमोन (एंडोक्रिन) थेरेपी– महिलाओं के शरीर में कभी-कभी सेक्स हार्मोन ओस्ट्रेजेन भी कैंसर का कारण बन जाते हैं इसलिए कैंसर के इलाज के लिए इस हार्मोन को रोकना बहुत ज़रूरी हो जाता है। हालांकि यह थेरेपी उस समय बताई जाती है जब ब्रेस्ट कैंसर हार्मोन रिसेप्टर पॉज़िटिव होता है। इस थेरेपी के द्वारा ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ाने वाले ओस्ट्रोजेन हार्मोन के प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जाता है।

टार्गेट बेस्ड थेरेपी – इस थेरेपी में उन सभी सेल्स को जो कैंसर जैसी बीमारी के जन्म लेने और बढ्ने के कारण होते है नष्ट करने का प्रयास किया जाता है । इस थेरेपी का सबसे अच्छा उदाहरण ट्रास्टुजुमाब (हर्सेप्टीन) है जिसका सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार के प्रोटीन के खिलाफ काम करता है जो शरीर में कैंसर के बढ़ने के लिए जिम्मेदार होता है।

बिस्फोस्फोनेट्स — बिस्फोस्फोनेट्स उन दवाइयों के ग्रुप का नाम है जो उन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर देतीं हैं जिनका मैनोपोज हो चुका है।

उपचार के विभिन्न विकल्पों का चयन

ब्रेस्ट कैंसर के इलाज की पूरी प्रक्रिया में आप स्वयं कितना शामिल होना चाहती हैं यह केवल आपका स्व्तत्न्र निर्णय होना चाहिए। कुछ लोग उपचार प्रक्रिया में पूरी तरह से शामिल होते हैं। कुछ लोग इस समय थोड़ा-बहुत ही ध्यान देते हैं जबकि कुछ महिलाएं तो उपचार प्रक्रिया को पूरी तरह से विशेषज्ञों पर ही छोड़ देती हैं।
यह एक सामान्य सी बात है कि उपचार शुरू करने से पहले ही आपके दिमाग में इससे जुड़े अनेक सवाल उठ रहे होंगे। आप उन सभी सवालों को एक कागज़ पर नोट कर लें और अपने डॉक्टर से मिलने के बाद आप वो सवाल उनसे पूछ सकती हैं । आपको अपना उपचार किस प्रकार या किस विधि से करवाना है, इस संबंध में निर्णय सोच समझ कर ही लें, जैसे कुछ महिलाएं, कैंसर का समूल नाश करने के लिए , केवल एक ब्रेस्ट में ही कैंसर होने के बावजूद दोनों ब्रेस्ट निकलवाने की सर्जरी का निर्णय ले लेती हैं। कुछ महिलाएं केवल ब्रेस्ट में एक गांठ होने पर भी इसे ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण मानकर अपनी ब्रेस्ट को सर्जरी के माध्यम से निकलवा देती हैं। कुछ महिलाएं ब्रेस्ट की कंसर्वेशन/रीकंस्ट्रक्षण सर्जरी के विकल्प को लेना भी ठीक समझती हैं। यह सभी निर्णय महिलाओं के अपनी पसंद व स्थिति के अनुसार लिए गए निर्णय होते हैं। आप अपने लिए जो भी निर्णय लें वो अच्छी तरह से सोच समझ कर लें लेकिन बस इस बात का ध्यान रखें कि निर्णय लेकर आगे बढ्ने में देरी न हो जाये।
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यदि आपको इस संबंध में निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है कि आपको किस प्रकार का उपचार लेना चाहिए और क्या आप इस उपचार को सहन करने की क्षमता रखते हैं तब आप ऐसी स्थिति में किसी ऐसे काउन्सलर की मदद ले सकते हैं जो आपकी कठिनाई में मदद कर सकते हैं।

उपचार के बाद मेरा क्या होगा

ब्रेस्ट कैंसर के उपचार को सहना सचमुच बहुत कठिन होता है। हो सकता है इसमें आपको असहनीय पीड़ा भी सहनी पड़े , शारीरिक रंग रूप पर भी गहरा असर हो सकता है और इन सबके कारण आपको अपने माता-पिता, पति और बच्चों के लिए चिंता भी होनी स्वाभाविक होता है। इसके साथ ही आपको इलाज के लिए समय-समय पर चेकअप के लिए बुलाया जाता रहेगा। आपके लिए यही ठीक रहेगा कि आप इन विजिट्स पर अस्पताल जरूर जाएँ। याद रखें कि दूसरों के साथ-साथ अपनी देखभाल भी उतनी ही जरूरी होती है।

उपचार के साइड इफेक्ट

ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के कुछ साइड इफेक्ट तो होते ही हैं, क्योंकि कैंसर के सेल्स का उपचार के दौरान शरीर के हेल्दी सेल्स पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। नवीनतम मेडिकल तकनीक के कारण हालांकि यह प्रभाव न्यूनतम किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ साइड इफेक्ट तो होते ही हैं। आमतौर पर यह प्रभाव अलग-अलग मरीजों पर अलग-अलग ही देखे गए हैं।

तुरंत दिखाई देने वाले साइड इफेक्ट

स्किन रिएक्शन—- रेडियोथेरेपी की डोज़ और दी जाने वाली अवधि के अनुसार शरीर में एलर्जी करने वाले सेल्स एक्टिव हो जाते हैं। आमतौर पर इसके बाद होने वाले स्किन रिएक्शन रेडियोथेरेपी शुरू करने के 10-14 दिनों में ही शुरू हो जाते हैं। इसमें बहुत दर्द हो सकता है।
इस उपचार के दौरान आपको अपनी स्किन की देखभाल बहुत ध्यान से करनी होगी। इसके लिए नहाने के बाद तुरंत आपको मॉश्चराइजर के उपयोग की सलाह दी जाती है और साथ ही धूप में निकालने से भी बचें। जैसे ही आपकी रेडियशन प्रक्रिया रुक जाती है उसके 3-4 हफ्ते में यह परेशानी भी खत्म हो जाती है।

बगलों एवं छाती के बालों का झड़ना – रेडियोथेरेपी के कारण बगलों एवं छाती के बाल झड़ भी सकते हैं। यह प्रभाव महिला व पुरुष दोनों में एक समान तरीके से होता है। इस इलाज के बाद कुछ वर्ष ही यह बाल दोबारा आ सकते हैं। कभी-कभी तो रेडियोथेरेपी के कारण बालों का हमेशा के लिए नुकसान हो जाता है।
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थकान और कमजोरी – अस्पताल के आने जाने में कोई भी सामान्य व्यक्ति कमजोरी और थकान महसूस कर सकता है इसलिए इस इलाज के समय आपको थकान और कमजोरी महसूस होना एक सामान्य बात है। यह स्थिति इलाज के खत्म होने के बाद भी कुछ समय तक जारी रह सकती है जब आप पूरी तरह से नींद लेने और आराम करने के बाद भी स्वयं को थका हुआ महसूस कर सकती हैं। इसका मुख्य कारण शरीर में अलग-अलग प्रकार की थेरेपी से इलाज करवाने के कारण कमजोरी आ जाना होता है।

बाद में आने वाले साइड इफेक्ट: ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद आपको मैनॊपॉज़ के लक्षण, लंबे समय तक चलने वाली थकान और बालों का हमेशा के लिए झड़ जाना महसूस कर सकती हैं।

इलाज और इसके साइड इफेक्ट से कैसे निपटें
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कैंसर का इलाज अमूमन बहुत पीढ़ादायक और थका देने वाला होता है। इसका प्रभाव सीधे व्यक्ति के तन और मन पर होता है। यही स्थिती ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के समय भी होती है।
इलाज के साथ-साथ सामान्य जीवन जीने के लिए आपको खुद की देखभाल करने के लिए बहुत सारा समय निकालना होगा। हो सकता है कि इस दौरान आप बहुत ज़्यादा थकान महसूस करें और कुछ दिनों तक घर का काम न करने वाली हालत में हों, लेकिन इससे अपने आत्मविश्वास में कमी न आने दें।
आप इस समय ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप की मदद भी ले सकती हैं या फिर किसी ऐसी महिला जिसने पहले ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करवाया हो, उससे बात भी कर सकती हैं। अपनी जिदंगी की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए आप इसी विषय/क्षेत्र में लगे सोशल मीडिया / ईमेल ग्रुप से भी जुड़ सकती हैं। इसके अलावा आप आरना बायोमेडिकल प्रोडक्ट की विशेषज्ञों की टीम से जुड़कर उनसे भी सलाह ले सकती हैं।
स्वयं को व्यस्त रखते हुए मन को शांत करने के लिए आप किसी न किसी हॉबी का भी सहारा ले सकती हैं और इसके साथ ही परिवार के सदस्यों, निकटतम मित्र और संबंधियों के साथ समय बिताने के अलावा आप अपने घर के पालतू जानवर के साथ समय बिताकर भी जल्दी स्वस्थ होने का प्रयास कर सकती हैं। आप अपने अनुभव कहीं व्यवस्थित रूप में लिखकर दूसरों के साथ बांटने का काम भी कर सकती हैं क्योंकि हो सकता है यह आपकी जैसी ही स्थिति वाली किसी अन्य महिला या व्यक्ति के काम आ जाएँ जो आपकी ही तरह किसी साथी का इंतज़ार कर रहा हो।

लेखक : प्र्त्योशा मजूमदार