पूर्ति- 15: सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर
जब ब्रेस्ट टिश्यू के अतिरिक्त शरीर के दूसरे भाग में भी कैंसर के किटाणु फैल जाते हैं तब यह सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर या मेटास्टैटिक कैंसर कहलाता है। यह प्रायः उस स्थिति में होता है जब कैंसर सेल्स लिम्फ़ नोड्स के जरिये रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के दूसरे अंगों में भी फैल जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर मेटास्टैटिक कैंसर के रूप में विकसित हो रहा है इसका पता प्राथमिक ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए किए गए टेस्ट में ही लग जाता है। यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करती हैं तब उनकी पहचान करते हुए आप तुरंत डॉक्टर से समपर्क करें:
सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और पहचान
सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण आमतौर पर दूसरे तरह के कैंसर के समान ही हो सकते हैं, कुछ आम लक्षण हैं :
● लगातार थकान का बने रहना
● चक्कर आना और उल्टी महसूस होना
● बिना किसी कारण से वजन घटना या भूख का मिटना
दूसरे भिन्न लक्षण इस प्र्कार हैं :
● हड्डियों में टूटने जैसा दर्द होना ( बोन कैंसर के लक्षण)
● लगातार खांसी या सांस फूलना (फेफड़ों का कैंसर के लक्षण)
● पीलिया या पेट में पानी का भर जाना (लीवर कैंसर का लक्षण)
● सिर दर्द , सिर चकराना, दौरे पड़ना, बोलने और देखने में कठिनाई होना (ब्रेन कैंसर के लक्षण)
● स्किन के रंग में बदलाव या दर्द रहित गांठें पड़ना (स्किन कैंसर के लक्षण)
अक्सर यह देखा गया है कि यह सभी लक्षण प्राइमरी ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के साइड इफ़ेक्ट्स के रूप में उभर कर आते हैं। अधिकतर लोग कैंसर के उपचार के बाद भी हफ्तों तक अपनी भूख खो बैठते हैं और सिर चकराने की शिकायत भी करते हैं। फिर भी इन लक्षणों के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है और इनमें से किसी भी लक्षण के महसूस होते ही तुरंत अपने कैंसर विशेषज्ञ को सूचित करें। सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लग जाने पर उसके जल्दी उपचार होने और उसके आगे बढ्ने से रोकने की संभावना को कई गुना बढ़ जाती है।
सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाले टेस्ट
सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाले टेस्ट भी लगभग वही हैं जो शरीर के अन्य भागों में होने वाले कैंसर का पता लगाने के लिए किए जाते हैं। जैसे यदि यह शक होता है कि ब्रेस्ट कैंसर बढ़ कर फेफड़ों तक पहुँच गया है तब लंग कैंसर का पता लगाने के लिए टेस्ट किए जाएँगे।
इसे पता लगाने के लिए कुछ सामान्य प्रकार के टेस्ट इस प्रकार हैं:
• कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सी टी) स्कैन : जिसमें शरीर का विस्तार से एक्स रे लिया जाता है।
• मैग्नेटिक रेसोनेन्स इमेजिंग स्कैन (एमआरआई) : शरीर के सेल्स और टिश्यूस की इमेज लेने के लिए मेग्नेटिक और रेडियो वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है।
• ब्लड टेस्ट : ब्लड में विभिन्न तत्वों के होने या न होने का पता लगाने के लिए तरह-तरह के ब्लड टेस्ट किए जाते हैं जिससे कैंसर सेल्स की पहचान की जा सके।
सेकंडरी ब्रेस्ट कैंसर का उपचार
आमतौर पर इस कैंसर के उपचार के लिए निम्न पद्दती अपनाई जा सकती है
● हॉरमोन थेरेपी : यदि कैंसर होर्मोन रेसेप्टर पॉज़िटिव है
● कीमोथेरेपी : कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकने व कम करने के लिए कैंसर रोधी दवाइयों का प्रयोग करना
● बोन स्ट्रेन्थनिंग थेरेपी : यदि कैंसर हड्डियों तक बढ़ गया है।
कैंसर विशेषज्ञ ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और फैलाव के अनुसार ही इसका उपचार और उसकी तीव्रता का निर्धारन करते हैं । आपकी भविष्य में होने वाली सामान्य स्वास्थ्य अवस्था भी इस बात का निर्धारन करने में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर के उपचार का मुख्य उद्देशय कैंसर सेल्स के फैलने से रोकना और नियंत्रित करते हुए आपको जहां तक हो सके अच्छे और स्वस्थ शारीरिक और मानिसक जीवन जीने का मौका देना है।
सेकेन्डरी कैंसर का सामना करें और पुनः जिंदगी जीने का अवसर पाएँ
यह सही है कि सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर की जीवन प्रत्याशा प्राथमिक की तुलनाम में काफी कम होती है। विभिन्न शोध रिपोर्ट में प्राइमरी ब्रेस्ट कैंसर की जीवन प्रत्याशा की दर, समय से और सही उपचार के कारण अधिकतम 90% है जबकि सेकेन्डरी ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में यह गिरकर 72% रह जाती है।
मेटास्टैटिक सामान्य रूप से चौथी स्टेज का कैंसर माना जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि कैंसर के किटाणु पूरे शरीर में फैल चुके हैं और इसके लिए सम्पूर्ण और अच्छे इलाज कि जरूरत होती है। अकसर इसका कोई इलाज नहीं होता है लेकिन सही इलाज के साथ जिंदगी को लंबा और अच्छा करने का प्रयास किया जा सकता है।
यह बात बहुत महत्वपूर्ण होती है कि आप अपने ब्रेस्ट कैंसर का सामना किस प्रकार से करती हैं। आप स्वयम को बहुत बीमार, थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकती हैं। आपके शरीर की बनावट में भी परिवर्तन आ सकते हैं। लेकिन आपको मजबूत रहते हुए हिम्मत नहीं हारनी होगी। सही प्रकार से दवा लेते हुए और एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल जीते हुए आप अधिक समय तक सामान्य जीवन जी सकती हैं। इसके साथ ही आप ब्रेस्ट कैंसर आपके उपचार के दौरान और आपके जीवन और अनुभवों की जानकारी सबको देकर इसके प्रति जागरूकता फैला सकती हैं। अधिकतर एक साथी की कहानी से दूसरे ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के मानसिक संबल को सहारा देते हुए भी देखा गया है।
यदि आपने अपनी नियमित नौकरी को छोड़ने का निश्चय कर लिया है तब आप अपने कुछ शौक जैसे स्केच बनाना, कुकिंग या किताबें पढ़ना आदि को फिर से शुरू कर सकती हैं। आप किसी ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप के साथ भी जुड़कर दूसरे ब्रेस्ट कैंसर मरीजों की मदद कर सकती हैं। समय के साथ आप भी अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू कर सकती हैं।
लेखिका : प्रत्योशा मजूमदार