कैंसर एक व्यापक शब्द है। यह कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि या विभाजन से जुड़ी अनेक प्रकार की प्रक्रियाओं के कारण होता है। कभी यह ट्यूमर की गांठ के रूप में दिखाई दे सकता है और कभी या न दिखाई देने वाले कैंसर, ल्यूकेडिमिया जिसमें कैंसर शरीर के रक्त में मिल जाता है, के रूप में भी हो सकता है। कैंसर के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का नुकसान हो जाता है और इसके कारण होने वाले दूसरे नुकसान भी घातक हो सकते हैं।
सामान्य रूप से जब शरीर की कोशिकाएँ एक सामान्य जीवन चक्र ‘बनना-विकसित होना-खत्म होना’ के अनुसार नहीं बढ़ती हैं और इनमें आने वाले असमान्य बदलाव ही कैंसर का कारण बनता है। हर व्यक्ति को कैंसर का अनुभव अलग-अलग होता है। कैंसर का एक बहु-चर्चित प्रकार ब्रेस्ट कैंसर है जो सामान्य रूप से महिलाओं में ही होता है और लेकिन अब यह कम उम्र की युवतियों (30-40 आयु वर्ग) में भी देखा जा रहा है।
क्या मुझे ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है ?
यह एक दुखदाई तथ्य है कि लगभग हर महिला ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से प्रभावित होती है, बस अंतर यह है कि कुछ महिलाओं का जोखिम अन्य की तुलना में थोड़ा अधिक होता है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े सभी आवश्यक तथ्य व उन सभी प्रकार के जोखिम की पूरी जानकारी होनी चाहिए जो ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ तथ्य पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है और कुछ पर नियमित व्यायाम करने से नियंत्रण पाया जा सकता है।
आप ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जानकारी को विस्तार से जानने के लिए यहाँ www.aarnabiomed.in/am-i-at-risk-of-breast-cancer-in-hindi/.क्लिक कर सकती हैं
ब्रेस्ट कैंसर संबंधी जींस
हालांकि ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र, स्थिति और शारीरिक बनावट की स्त्री को हो सकता है, फिर भी हम यहाँ यदि आपके परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तब ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े जींस या वंशाणु का ज़िक्र करेंगे:
• परिवार में ब्रेस्ट कैंसर : यह माना जाता है कि यदि आपके परिवार में किसी को या फिर किसी रक्त संबंधी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तब आप भी ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम पर हैं। फिर भी अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर वंशानुगत नहीं होते हैं और दूसरे परिवार के सदस्य इसके आजीवन जोखिम पर नहीं होते हैं।
• जब शरीर में ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ना और बंटना शुरू हो जाता है तब इस कैंसर की शुरुआत मानी जाती है। यह ‘जींस में आने वाले बदलाव’ का परिणाम हो सकता है। एक परिवर्तित जीन या तो वंशानुगत हो सकता है या फिर प्राप्त किया जा सकता है। वंशानुगत जींस शरीर में माता या पिता के माध्यम से आते हैं। बदले हुए प्राप्त जींस विभिन्न तत्व जैसे पर्यावरण, शारीरिक और जीवनशैली संबंधी कारकों के कारण हो सकते हैं।
• ब्रेस्ट कैंसर के होने का सही कारण का अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया है लेकिन फिर भी कुछ कारणों से ब्रेस्ट कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है और इन्हीं कारणों को ‘जोखिम’ का नाम दिया जाता है।
• आनुवांशिक परिवर्तित जींस : अनुवाशिक रूप से परिवर्तित वो जींस जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा देते हैं उन्हें ब्राक 1 (ब्रेस्ट कैंसर1) और ब्राक2(ब्रेस्ट कैंसर2 कहा जाता है।
टीपी 53 (ट्यूमर प्रोटीन पी 53) नाम के जींस में परिवर्तन को यदि आपके शरीर में आनुवांशिक रूप से नहीं आते हैं तब भी ब्रेस्ट कैंसर के होने का जोखिम बढ़ जाता है। यदि आपके शरीर में इनमें से कोई भी जींस अपने माता-पिता से आ जाते हैं तब आप ब्रेस्ट कैंसर के अपेक्षाकृत अधिक जोखिम पर हैं। इसीलिए इसे ब्रेस्ट कैंसर का निश्चित होना भी माना जा सकता है। दूसरे शब्दों में एक महिला होने के नाते ब्रेस्ट कैंसर होने का आपको जोखिम अधिक है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। यह सारी जानकारी विस्तार से आपको यहाँ www.aarnabiomed.in/am-i-at-risk-of-breast-cancer-in-hindi/ मिल सकती है :
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का होना एक प्रकार से दुर्लभ और असामान्य बात है। हालांकि पुरुषों के भी ब्रेस्ट टिश्यू , चाहे वो कम संख्या में ही हो , लेकिन होते हैं।
पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर की निशानी और लक्षण:
• सबसे आम लक्षण गांठ (सामान्य रूप से दर्द रहित) का होना है
• निप्पल में से दर्दरहित रिसाव होना (इसमें रक्त भी मिला हो सकता है)
• छाती में और कभी-कभी बांह के नीचे लिम्फ़ नोड्स (ग्रंथि) सूजन या दर्द होना
यदि आप अपने ब्रेस्ट में किसी प्रकार का परिवर्तन देखते हैं तब आपको इसके लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है। पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर संबंधी जांच व उपचार बिल्कुल वैसे ही होते हैं जो महिलाओं के संबंध में होते हैं। इसमें सर्जरी, किमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी और हॉरमोन थेरेपी जैसे विकल्प के द्वारा उपचार किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के दौरान किए जाने वाले कार्यों के बारे में आप यहाँ www.aarnabiomed.in/going-through-breast-cancer-treatment-in hindi/ और साइड इफेक्ट के बारे में यहाँ www.aarnabiomed.in/side-effects-of-breast-cancer-treatment-in-hindi/. देखें
अब क्योंकि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर एक असाधारण स्थिति है इसलिए इन पर अभी अधिक शोध कार्य और जानकारी भी उस तरह से उपलब्ध नहीं है जिस तरह से महिला ब्रेस्ट कैंसर के लिए है। पुरुष ब्रेस्ट कैंसर पर जानकारी अभी बिल्कुल ही प्रारम्भिक स्तर पर है।
ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानकारी
• जांच रिपोर्ट की जानकारी: जांच रिपोर्ट सामान्य रूप से शरीर के रक्त व कोशिकाओं की जांच के आधार पर दी जाती है। टेस्ट के आधार पर परिणाम का समय भिन्न भी हो सकता है।
परिणाम के आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि आपकी लम्पेक्टोमी या ब्रेस्ट पुनर्निर्माण सर्जरी होगी या स्तनोच्छेदन किया जाएगा।
o उपचार के प्रत्येक स्तर पर, जांच की रिपोर्ट विभिन्न प्रकार के विवरण देती हैं। इन परिणामों के आधार पर उपचार की प्रकृति, अवधि, उपचार की गहनता और दवाइयों के मिश्रण का निर्धारन होता है।
o जांच रिपोर्ट में आपकी सामान्य जानकारी जैसे आपकी उम्र, लिंग और इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम आदि दिया जाता है।
o कैंसर साइज़ (ट्यूमर का आकार मिलीमीटर या सेंटीमीटर में हो सकता है), प्रकृति और ग्रेड (कैंसर सेल्स के बढ्ने के आधार पर ग्रेड 1,2 या 3 का निर्धारन होता है)
• कैंसर की अवस्था : अधिकतर कैंसर पहली अवस्था में ही जांच कर लिया जाता है जैसे :
o अवस्था 1: जब (ए) जब ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाएँ 2 सेमी से कम हैं (बी) जब ब्रेस्ट में कोई कैंसर कोशिकाएँ नहीं हैं लेकिन कुछ कोशिकाएँ बगल में लिम्फ़ नोड्स में पायी जाती हैं।
o अवस्था 2: जब (ए) जब कैंसर 2 सेमी या इससे कम है लेकिन ये ब्रेस्ट टिश्यू के पास और बगल में 1-3 लिम्फ़ नोड्स में पायी जाती हैं और (बी) कैंसर कोशिकायीं 2-5 सेमी हैं लेकिन बगल में लिम्फ़ नोड्स में कोई कैंसर कोशिका नहीं मिलती है।
o अवस्था 3: जब (ए) कैंसर कोशिकाएँ बगल में 4-9 लिम्फ़ नोड्स में पायी जाती हैं (बी) ब्रेस्ट की हड्डी और स्किन में किसी भी आकार की कैंसर कोशिकाएँ हो सकती हैं (सी) कैंसर किसी भी आकार का हो सकता है और यह ब्रेस्ट की स्किन या चेस्ट वाल में फैल चुका हो और बगल या ब्रेस्ट बोन में बगल में 10 या इससे अधिक के लिम्फ़ नोड्स में या फिर गर्दन के नीचे तक फैल चुका हो।
o अवस्था 4: ब्रेस्ट कैंसर किसी भी लिम्फ़ नोड्स में मिल भी सकता है और नहीं भी मिल सकता है लेकिन शरीर के दूसरे भाग जैसे दूर के लिम्फ़ नोड्स, फेफ़ेदे, लीवर या दिमाग में फैल चुका हो।
पूर्वानुमान
आमतौर पर “दृष्टिकोण ” के नाम प्रसिद्ध , पूर्वानुमान में रोग के लक्षण के आधार पर किस प्रकार का इलाज किया जाएगा, दोबारा आने की संभावना और जीवन प्रत्याशा क्या है आदि का अनुमान लगाया जाता है। पूर्वानुमान में जो आप जिस प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर से पीढ़ित हैं उसका पता लागने और उससे संबन्धित सारी जानकारी को इकट्ठी करने में लगाने में मदद मिलती है।
पुरावनुमान का आकलन व्यक्ति को पहले हुई बीमारी के पिछले परिणामों के आधार पर किया जाता है। ब्रेस्ट कैंसर का आकार, प्रकार और स्तर का निर्धारन पूर्वानुमान के आधार पर ही लिया जाता है।
विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर प्रोग्राम जैसे प्रिडिक्ट, नोटिङ्ग्घं प्रोगोनोस्टिक इंडेक्स (एनपीएआई), जेनोमिक एसे (जिन एक्स्प्रेशन प्रोफिलिंग या जीन एसे भी कहा जाता है ), ओंकोटाइप डी एक्स , एंडोप्रिडिक्ट और प्रोसिगना आदि पूर्वानुमान के कार्य में मदद करते हैं। इस काम में आपके कैंसर चिकित्सक आपकी अच्छी तरह से मदद कर सकते हैं।
पूर्वानुमान के बाद के प्रभाव
एक बार जांच के परिणाम आ जाते हैं तब आप आपका क्या होगा आदि सोच कर चिंतित हो सकते हैं। पूर्वानुमान के बाद, चिंतित होना स्वाभाविक ही है विशेषकर तब जब आपका कैंसर पहली अवस्था के बाद पता चला हो। फिर भी यह बात याद रखने वाली है कि किसी भी जांच से यह स्पष्ट नहीं पता लग सकता है कि आपको क्या होने वाला है। विभिन्न व्यक्तियों के शरीर के आकार और दवाइयों के कारण होने वाली प्रतिक्रिया के कारण उनकी जांच के परिणाम अलग-अलग आ सकते हैं।
पूर्वानुमान से आपको अपने ब्रेस्ट कैंसर के उपचार की योजना बनाने में मदद मिल सकती है। आप इसके लिए अपने ऑफिस से छुट्टी की योजना बना सकते हैं और अपने निकट संबंधियों व परिवार को इलाज के कारण आने वाले काम में अंतराल आने की सूचना दे सकते हैं। एक अच्छे पूर्वानुमान से उपचार में आसानी हो सकती है।
यदि आप अपने इलाज को लेकर चिंतित हैं या इसके कारण तनाव में हैं तब आप किसी अच्छे मानसिक कैंसर विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं जो आपकी इस समय इस मानसिक तनाव और दुर्बलता से बाहर आने में मदद कर दे। इस संबंध में विभिन्न कैंसर देखभाल और सहायता ग्रुप भी हैं जो आपकी इस काम में मदद कर सकते हैं।